Why Social Justice Board

भारत भर की विभिन्न अदालतों में 5.02 करोड़ सेअधिक मामलेलंबित हैं।
विकसित देशों की तुलना में, भारत में प्रति दस लाख नागरिकों पर के वल 21 न्यायाधीश हैं जबकि अमेरिका मेंप्रति दस लाख नागरिकों पर 107 न्यायाधीश हैं। अदालतों का दरवाजा खटखटाने वाले लोगों को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?
किसी भी मामले में न्याय मिलने में बहुत अधिक समय लगता है
और बहुत अधिक पैसा भी। गरीब लोग इतनी बड़ी रकम वहन करने में असमर्थ हैं।
इसलिए समय और धन की बर्बादी केलिए लोक अदालतें स्थापित की जाती हैं।